राशि स्त्री पुरुष संबंध – आकर्षण
गणित ज्योतिष् के अनुसार कुंडली मे आकर्षण के कारक ग्रह मंगल और शुक्र माने जाते है. यदि किसी स्त्री
की कुंडली मे मंगल उस राशि मे स्थित है ,जिसमे पुरुष की कुंडली मे शुक्र बैठा हो उस स्त्री और उस पुरुष
की दृष्टि के प्रथम मिलन मे ही उनके बीच प्रेम और प्रबल कामकर्षण उत्पन्न हो जाएगा. ये दोनो यौन
संबंध कायम कर लेंगे .यह प्रेम और यौन संबंध उतने ही प्रगाढ़ होंगे जितना ये दोनो ग्रह डिग्री और अंशो मे
एक दूसरे के निकट होंगे. यदि स्त्री कुंडली के मंगल और पुरुष कुंडली के समान राशि मे स्थित शुक्र के
बीच दूरी डिग्री और अंशो मे 5 डिग्री से कम है तो उन्ह एक होने से कोई रोक नही सकता. और उनमे
आकर्षण अनेक उतार चदव के बावजूद बना रहेगा. एसके लिए शर्त यह है की स्त्री कुंडली का मंगल और
पुरुष का शुक्र बिल्कुल एक परिस्थिति के होने चाहिए.
स्त्री के मंगल और पुरुष के शुक्र ग्रह के बीच समान राशि के बावजूद डिग्री मे
जितना अधिक अंतर होगा , उतना ही उन दोनो के बीच आकर्षण भी कम होता जाएगा . यदि दोनो के बीच
का अंतर 15 डिग्री से अधिक हो तो आकर्षण कम होने के बाद बिना किसी अभियक्ति के समाप्त हो जाएगा.